भांडारकर प्राच्य शोध संस्थान वाक्य
उच्चारण: [ bhaanedaarekr peraachey shodh sensethaan ]
उदाहरण वाक्य
- भांडारकर प्राच्य शोध संस्थान-विकिपीडिया
- इसी समय मुनिजी का पुणे निविष्ट भांडारकर प्राच्य शोध संस्थान के संस्थापकों से परिचय हुआ।
- इस समस्या के निदान के लिए पुणे में स्थित भांडारकर प्राच्य शोध संस्थान ने परे दक्षिण एशिया में उपलब्ध महाभारत की सभी पाण्डुलिपियों (लगभग 1,1०, ०००) का शोध और अनुसंधान करके उन सभी में एक ही समान पाये जाने वाले लगभग ७५,००० श्लोकों को खोजकर उनका सटिप्पण एवं समीक्षात्मक संस्करण प्रकाशित किया।
- इसके बाद भी कई विद्वानो द्वारा इसमें बदलती हुई रीतियो के अनुसार बदलाव किया गया, जिसके कारण उपलब्ध प्राचीन हस्तलिखित पाण्डुलिपियो में कई भिन्न भिन्न श्लोक मिलते हैं, इस समस्या के निदान के लिये पुणे में स्थित भांडारकर प्राच्य शोध संस्थान ने पूरे दक्षिण एशिया में उपलब्ध महाभारत की सभी पाण्डुलिपियों (लगभग १०, ०००) का शोध और अनुसंधान करके उन सभी में एक ही समान पाये जाने वाले लगभग ७५,००० श्लोकों को खोजकर उनका सटिप्पण एवं समीक्षात्मक संस्करण प्रकाशित किया, कई खण्डों वाले १३,००० पृष्ठों के इस ग्रंथ का सारे संसार के सुयोग्य विद्वानों ने स्वागत किया।